Inter-caste Marriage Scheme 2.5 Lakh: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय केंद्र सरकार ने पिछले सरकारों ने इस सोच पर यह योजना जारी की थी कि हम एक हैं, हमारा समाज एक है, हम एक समान सभी इंसान हैं। समाज से भेदभाव खत्म करने और विभिन्न जातियों के बीच बंटे लोगों को एकजुट करने के लिए साल 2013 में यह योजना शुरू की गई थी। तब केंद्र सरकार में मनमोहन सिंह की सरकार हुआ करती थी। वर्तमान सरकार ने इस योजना का नाम डॉक्टर अंबेडकर स्कीम फॉर्म सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटर कास्ट मैरिज रखा है।
वर्तमान सरकार इस योजना को 12 सितंबर 2023 को लांच किया था तब से लेकर अब तक यह योजना चल रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अंतरजातीय विवाह के माध्यम से सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2.5 लाख रुपए की सहायता प्रदान करेगी। इस जोड़े मे एक दलित और एक सामान्य वर्ग से होना चाहिए, तो इसके लिए यह योजना शुरू की गई है। इस योजना को सभी समाज में बहुत कम ही लोग जान सके हैं। यह योजना कुछ विशेष वर्ग समुदायों के लिए खोली गई है।
जिससे कि अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया गया है। सामाजिक अकीकारण योजना के माध्यम से समाज में समाधान किया जाएगा और इसे ब्लाक स्तर पर भी इसकी जानकारी फैले जाएगी। केंद्र सरकार अब जाति व्यवस्था और सजातीय विवाह को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है।
inter-caste marriage scheme – Rs 2.5 lakh on marriage
इस दलित विवाह 2.5 लाख रुपये योजना की महत्वपूर्ण विशेषताएं और मुख्य बिंदु इस प्रकार फिर से लिखे जा सकते हैं:
-इस विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना और जोड़ों को वैवाहिक जीवन के शुरुआती चरण में घर बसाने में मदद करना है।
-इस योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि दंपत्ति पहली बार शादी कर रहे हों।
-विवाह को हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए और जोड़ों को 1 वर्ष के भीतर योजना प्रस्तुत करनी होगी।
-केंद्र सरकार ने अब इस शर्त को हटा दिया है कि नवविवाहित जोड़े की कुल आय 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, इसलिए इस योजना का लाभ उठाने के लिए आय सीमा की कोई शर्त नहीं है।
-अब हर उस जोड़े को 2.5 लाख रुपए मिलेंगे जिनमें दूल्हा या दुल्हन में से कोई एक दलित हो।
-वे इस राशि को प्राप्त करने के लिए आधार विवरण और अपने संयुक्त बैंक खाते (आधार से जुड़े) को संबंधित मंत्रालय में जमा कर सकते हैं।
-साथ ही, लक्ष्यित राज्यों में रहने वाले अनुसूचित जाति (एससी) का अनुपात प्रत्येक राज्य के लिए तय किया गया है, लेकिन मंजूरी देते समय राज्य अपनी सीमा से अधिक हो सकते हैं।
अंतर्जातीय विवाह योजना के 5 फायदे
1) विभिन्न संस्कृतियों को समझने का अवसर:- अंतर्विवाह में विवाहित लोगों की संस्कृति एक ही होती है, जिससे उन्हें केवल अपनी संस्कृतियों को समझने का मौका मिलता है।
2) सरकारी सहायता:- यदि सरकार दो युवाओं की इच्छा के अनुसार अंतरजातीय विवाह का समर्थन करती है, तो इससे उन्हें मदद मिलती है।
3) जातिवाद का नाश:- अंतरजातीय विवाह के माध्यम से जातिवादी धारा को तोड़ने का प्रयास किया जाता है।
4) आनुवंशिक रोगों से मुक्ति:- अंतरजातीय विवाह से आनुवंशिक रोगों के प्रसार को कम किया जा सकता है।
5) स्वैच्छिक विवाह से जीवन में शांति:- अंतरजातीय विवाह जीवन में सुख और शांति का माध्यम हो सकता है।
अंतर्जातीय विवाह योजना पात्रता
इस योजना का लाभ उठाने के लिए नवविवाहित जोड़ों को अपने संयुक्त बैंक खाते का विवरण भी देना होगा ताकि योजना के तहत राशि उनके खाते में जमा की जा सके।
इस योजना से जुड़ने वाले लोगों को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, लेकिन इसके लिए जोड़े की जाति अलग-अलग होनी चाहिए।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए विवाह को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पंजीकृत होना जरूरी है।
इस योजना के तहत पहली शादी होनी चाहिए, दूसरी शादी करने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
इस योजना में ध्यान देने वाली एक और बात यह है कि यदि आपको पहले से ही कोई सहायता प्राप्त है, तो वह राशि 2.5 लाख रुपये से कम हो सकती है।
इस योजना में सबसे पहले नवविवाहित जोड़े जिनकी जाति दलित या अनुसूचित है, उन्हें अपनी जाति का प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी।
इस योजना में लाभार्थी को आवेदन पत्र के साथ विवाह प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा, जिसमें जोड़े को कानूनी रूप से विवाहित होने का प्रमाण देना होगा।
अंतर्जातीय विवाह योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड
जाति प्रमाण पत्र
बैंक अकाउंट पासबुक
मोबाइल नंबर
पासपोर्ट साइज फोटो
आयु प्रमाण पत्र
कोर्ट मैरिज का प्रमाण पत्र
अंतर्जातीय विवाह योजना 2023 में ऑफ़लाइन आवेदन कैसे करे
इस प्रक्रिया के तहत आपको अपने संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा। आवेदन पत्र को अपने विवरण के साथ सही ढंग से भरें और प्रमाण के लिए दस्तावेज संलग्न करें। अब आवेदन पत्र को जिला सामाजिक न्याय अधिकारी (District Social Justice Officer) के पास जमा कर दें।
अंतर्जातीय विवाह योजना 2023 में आनलाइन आवेदन कैसे करे
संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
अब आपको स्क्रीन पर एक नया पेज दिखाई देगा। ‘अभी पंजीकरण करें’ विकल्प पर क्लिक करें।
यदि आप एक नए उपयोगकर्ता हैं, तो अपने विवरण का उपयोग करके एक नया खाता बनाएं।
विवरण दर्ज करने के बाद, ‘रजिस्टर’ पर क्लिक करें।
अब अपने खाते में लॉग इन करें और होमपेज पर अपना विवरण जैसे पत्नी का नाम, पति का नाम, जिला आदि दर्ज करें।
इसके बाद विवाह विवरण भरें।
मांगे गए कोई भी दस्तावेज संलग्न करें और इस योजना के लिए आवेदन करें।
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FAQ’s
Q1- अंतरजातीय विवाह योजना क्या है?
Ans: – भारत सरकार ने अनुसूचित जाति/अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के जोड़ों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए इस योजना की शुरुआत की।
Q2- किस राज्य ने पहला प्रोत्साहन दिया?
Ans: – राजस्थान सरकार ने योजना के तहत पात्र आवेदकों को पहली प्रोत्साहन राशि दी।
Q3- इस योजना के माध्यम से आवेदक को कितना पैसा मिलता है?
Ans: – इस योजना के माध्यम से आवेदक 2.50 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।
Q4- अंतरजातीय विवाह योजना उद्देश्य क्या है?
Ans: – भारत देश में जातियों के बीच भेदभाव को खत्म करने के लिए सरकार यह योजना लेकर आई। यह योजना अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। सरकार द्वारा अंतरजातीय विवाह योजना लाने का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली असमानता को दूर करना है, इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी जाति छोड़कर दूसरी जाति में शादी करता है तो समाज में फैली असमानता और जातिवाद कम हो जाता है। इस योजना के तहत सरकार समाज के लोगों का नजरिया बदलना चाहती है।